भारतीय मीडिया को क्या दिखाना चाहिए ? किसानों का आन्दोलन या बनारस की देव दीपावली।
रविवार को दिनभर टीवी पर केंद्र और राज्य सरकार के मुखियों को ही दिखाया जाता रहा। बनारस, दीया, गंगाघाट, आरती, पूजापाठ का घंटों दिखाया जाना चैनलों के सरकारी प्रेम को गहराई से दिखाता है। हालांकि, ये पांच मिनट से ज्यादा की खबर नहीं थी।
कोरोना काल में योग से लोगों को जागरूक कर रहे एक चैनल ने सरकार की स्तुति में योग के सायंकालीन प्रसारण को भी भूला दिया। प्रिंट मीडिया के एक अग्रणी पत्र ने तो किसानों को पहले पेज पर कहीं जगह नहीं दी, अलबत्ता देव दीपावली पर पहला और भीतर का पेज जरूर रंगीन किया। दूसरे अखबारों में भी किसान आन्दोलन पर कमजोर कवरेज रही।
पांच दिन से पंजाब हरियाणा उत्तर परदेश के किसान दिल्ली के सीमावर्ती हाईवे पर डटे हैं। कृृषि बिल केे तीन कालेे कानून के खिलाफ वो गुस्से में हैं। वो लम्बा आन्दोलन की तैयारी का आभास करा रहे हैं।
देखना है भारतीय मीडिया कब तक देश के किसानों की अनदेखी करता है। खासकर इलेक्ट्रानिक मीडिया !