होली के पर्व में भी कस्बा
मोहनलालगंज कस्बा में जाम की समस्या इन दिनों ग्रामीणों का पर्याय बन चुकी है , कस्बे में कब जाम लग जाये लोगो को पता ही नही चलता , जिसके चलते कस्बे में दूर दूर से होली की खरीददारी करने ग्रामीण आते है , और गोसाईगंज तिराहे से लेकर ब्लाक तक लोगो को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है , बड़े वाहन , छोटे वाहन , टू व्हीलर , साईकल , और पैदल यात्री व कस्बा निवासी , ऊपर से तहसील , ब्लाक , थाना , पोस्टऑफिस , बस स्टेशन में आने जाने वाले ग्रामीणों को जाम से रोज जूझना पड़ रहा है , ऊपर से सड़क किनारे का अतिक्रमण , जाम को बढ़ावा दे रहा है , और प्रशासन भी सब कुछ जानकर भी चुप है , ग्रामीणों की माने तो कस्बे में भीड़भाड़ व जाम के लगते जाम में फसकर क़भी क़भी एबुलेंस जो गंभीर मरीजो को लेकर लखनऊ जा रही होती है वो भी फस जाती है , और मरीज समय से हॉस्पिटल भी नही पहुच पाते लिहाजा कई लोगों की जान हॉस्पिटल पहुचने से पहले ही चली जाती है , कभी कभी तो वी आई पी, भी इस जाम में फस जाते है , और उन्हें निकलने में घण्टो लग जाते है , इतना ही नही कस्बा वासियो के मुताबिक कभी कभी तो उन्हें थाने के सामने सब्जी मंडी से पैदल सब्जी खरीद कर वापस घर आने में भी , पंद्रह मिनट की जगह पौन घन्टा लग जाता है , और क़भी कभी तो बिचारे पैदल यात्री घायल भी हो जाते है , वाहनों की चपेट में आकर , लेकिन जाम है कि खुलने का नाम ही नही लेता , ग्रामीणों की माने तो सबसे अधिक समस्या सड़को पर खड़े वाहनों के चलते होती है , और प्रशासन भी सब जानते हुए भी कुछ नही करता , जिससे कस्बा वासियो से लेकर , आने जाने वाले दैनिक यात्रियों में रोष ब्याप्त है , क़भी कभार पुलिस महकमा दो चार वाहनों का चालान कर मामले से अपना पल्ला झाड़ लेता है , और कभी कभी तो एक दुकानदारों को नोटिस देकर मामले से इति श्री कर लेता है , भला ऐसी सूरत में जाम से निजात कैसे मिल पायेगा ये देखने वाली बात होगी , हालांकि कभी कभार प्रशासन का हंटर चलता है तो मामला कुछ दिनों के लिए सामान्य हो जाता है , लेकिन कुछ दिनों बाद फिर वही बात , सुबह हो या शाम उफ ये जाम